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اَوْ يُزَوِّجُهُمْ ذُكْرَانًا وَّاِنَاثًا ۚوَيَجْعَلُ مَنْ يَّشَاۤءُ عَقِيْمًا ۗاِنَّهٗ عَلِيْمٌ قَدِيْرٌ   ( الشورى: ٥٠ )

Or
أَوْ
या
He grants them
يُزَوِّجُهُمْ
वो मिला- जुला कर देता है उन्हें
males
ذُكْرَانًا
लड़के
and females;
وَإِنَٰثًاۖ
और लड़कियाँ
and He makes
وَيَجْعَلُ
और वो बना देता है
whom
مَن
जिसे
He wills
يَشَآءُ
वो चाहता है
barren
عَقِيمًاۚ
बाँझ
Indeed He
إِنَّهُۥ
बेशक वो
(is) All-Knower
عَلِيمٌ
ख़ूब इल्म वाला है
All-Powerful
قَدِيرٌ
ख़ूब क़ुदरत वाला है

Aw yuzawwijuhum thukranan wainathan wayaj'alu man yashao 'aqeeman innahu 'aleemun qadeerun (aš-Šūrā 42:50)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

या उन्हें लड़के और लड़कियाँ मिला-जुलाकर देता है और जिसे चाहता है निस्संतान रखता है। निश्चय ही वह सर्वज्ञ, सामर्थ्यवान है

English Sahih:

Or He makes them [both] males and females, and He renders whom He wills barren. Indeed, He is Knowing and Competent. ([42] Ash-Shuraa : 50)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

या उनको बेटे बेटियाँ (औलाद की) दोनों किस्में इनायत करता है और जिसको चाहता है बांझ बना देता है बेशक वह बड़ा वाकिफ़कार क़ादिर है